जब जावेद अख्तर के लगे पहिरे के कपड़ा ना रहे त खाना के कमी हो गईल, सालों बाद भी उ कठिन दिन के ना भुला पवले।

प्राइम वीडियो के डॉक्यूमेंट्री ‘एंग्री यंग मैन’ में जावेद अख्तर अपना जिनिगी से जुड़ल खुलासा कइलन आ बतवले कि कइसे एक समय में उनुका जिए खातिर संघर्ष करे के पड़ल काहे कि बंबई में उनुका कवनो बुनियादी जरूरत ना रहे.
 
जब जावेद अख्तर के लगे पहिरे के कपड़ा ना रहे त खाना के कमी हो गईल, सालों बाद भी उ कठिन दिन के ना भुला पवले।

हिंदी सिनेमा के मशहूर पटकथा लेखक जोड़ी सलीम खान आ जावेद अख्तर के जिनिगी पर आधारित डॉक्यूमेंट्री ‘एंग्री यंग मैन’ के स्ट्रीमिंग 20 अगस्त के प्राइम वीडियो पर भइल. एह 3 एपिसोड के सीरीज के निर्देशन नम्रता राव कइले बाड़ी जे एह सीरीज से निर्देशक के रूप में भी शुरुआत कइले बाड़ी। एह डॉक्यूमेंट्री में सलीम-जावेद के जिनिगी के कई गो पहलु पर प्रकाश डालल गइल बा. एही धारावाहिक में गीतकार आ पटकथा लेखक जावेद अख्तर भी बंबई गइला का बाद अपना कड़ा संघर्षन पर बतियावत लउकलन. एह डॉक्यूमेंट्री में बॉलीवुड के सबसे प्रभावशाली लेखक जोड़ी सलीम-जावेद के सफर, चुनौती आ अंतिम जीत के कहानी बा.

जब भोपाल छोड़ के मुंबई अइनी

जावेद अख्तर भोपाल के सैफिया कॉलेज से स्नातक कइले बाड़न. ग्रेजुएशन के बाद जावेद अख्तर फिल्म जगत में आपन कैरियर बनावे खातिर सपना के शहर बंबई (अब मुंबई) में अइले। ऊ दिग्गज फिल्म निर्माता गुरु दत्त आ राज कपूर का साथे सहायक निर्देशक का रूप में काम कइलन. दुनु दिवंगत फिल्मकारन के याद करत जावेद अख्तर कहले- ‘उ लोग अइसन निर्देशक रहले जिनकर हम ओह घरी बहुते तारीफ करत रहीं. हमरा पूरा भरोसा रहे कि कुछे देर में हम खुद निर्देशक बन जाईब.

जिंदा रहे खातिर संघर्ष करे के पड़ल : जावेद अख्तर

अपना संघर्ष के याद करत उ कहले- 'हम ठीक पांच दिन बाबूजी के घरे रहनी, अवुरी ओकरा बाद अकेले चल गईनी।' जावेद अख्तर ए दौरान खुलासा कईले कि, काहेंकी उनुका लगे रहे के जगह ना रहे, एहसे उ दोस्त के संगे रहत रहले। कबो रेलवे स्टेशन पर, कबो पार्क में त कबो स्टूडियो परिसर के बेंच पर सुतत रहले. जिंदा रहे खातिर बहुत संघर्ष करे के पड़ल। जावेद अख्तर खातिर सबसे कठिन चरण तब रहे जब उनका लगे पहिरे-खाए के कुछुओ ना रहे।

जावेद अख्तर के लगे खाली एगो पतलून रहे

जावेद अख्तर कहतारे- 'हमार आखिरी पैंट अवुरी एकमात्र पैंट एतना फाट गईल रहे कि अब पहिरल ना जा सकत रहे।' आ हमरा लगे दोसर कवनो पतलून ना रहे।' उ इयाद कईले कि कइसे उ 15 साल के उमर में अपना मौसी के घर से निकल गईले, जवना के बाद उ कबो अपना परिवार से मदद ना मंगले, उ अपना बलबूते करे के ठान लेले रहले।


शबाना आजमी एगो भावुक कहानी साझा कइली

जावेद के पत्नी अवुरी दिग्गज अभिनेत्री शबाना आजमी एगो अवुरी भावुक किस्सा साझा करत खुलासा कईली कि एगो समय रहे जब जावेद अख्तर तीन दिन तक खाना ना खईले। उ कहले कि, "बहुत बरखा होखत रहे, अवुरी उनुका पास के एगो बिल्डिंग के एगो अपार्टमेंट से एगो मद्धिम रोशनी चमकत देखाई देलस। उ उ रोशनी देख के मन ही मन कहले - 'हम अयीसन मरे खाती पैदा ना भईल बानी। इ बीत जाई।'

कठिन समय के याद करत जावेद अख्तर रोवे लगले

ओह कठिन समय के इयाद करत जावेद कड़ुआ रोवे लगले आ कहलन - "जदि रउरा जिनिगी में खाना भा नींद से वंचित रहल बानी त एकर गहिराह असर रउरा पर पड़ेला जवना के रउरा कबो ना भुला सकेनी. कबो कबो हमरा के मक्खन वाला ट्रॉली पर नाश्ता परोसल जात रहे." , मुरब्बा, आधा तले अंडा आ कॉफी आ हम मन ही मन सोचत रहनी कि का ई राउर हैसियत रहे? अबहियों लागत बा कि ई नाश्ता हमरा खातिर नइखे'.

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